जल्दबाजी के जमाने में हर इंसान जल्दी में है। लाल बत्ती को हरी बत्ती में बदलते ही लोगों की रफ्तार देखने लायक है और अगर आपने हरी बत्ती होने के बाद कुछ सेकंड तक अपनी कार नहीं चलाई तो पीछे वाला इतना तेज हॉर्न बजाता है जैसे वह कहीं आग बुझाने जा रहा हो।
आजकल इस विश्व से धैर्य नामक एक शब्द की कमी महसूस हो रही है। कहा जाता है कि सब्र का फल बहुत ही मिठा होता है और सब्र का महत्व अत्यधिक होता है। देवी सबरी ने बड़ा धैर्य दिखाया और अपने इंतजार में भगवान राम का आगमन किया। आज हम इस ब्लॉग में धैर्य और दृढ़ता के महत्व पर विचार करेंगे।
जिम कूरियर: एक अत्यधिक सफल टेनिस खिलाड़ी
जिम कूरियर बहुत ही सफल टेनिस खिलाड़ी थे। वह काफी लंबे समय तक शीर्ष पर रहे इस शब्द का वर्णन जिम कूरियर से बेहतर किसी ने नहीं किया। उन्होंने कहा अगर “यह आसान है तो इसे अभी किया जा सकता है लेकिन अगर यह मुश्किल है तो इसमें अधिक समय लगेगा।’’ यह पंक्ति वास्तव में गहरी समझ का प्रतीक है कि अच्छी चीजों को बनाने में समय और मेहनत लगती है। एक काम जल्दी से हो जाए तो उसकी महत्वता कम हो जाती है। ताजमहल को बनाने में बीस साल लगे जबकि फिल्म मुगल-ए-आजम को बनाने में आसिफ को सोलह साल लगे। इससे स्पष्ट होता है कि सच्ची उपलब्धियों के लिए समय और प्रयास की आवश्यकता होती है।
सफलता के लिए धैर्य का महत्व
आज इस रोबोटिक युग में हर किसी को तेजी से अमीर बनना है! धैर्य की भारी कमी नजर आ रही है। हर कोई उत्सुक है। सब कुछ मैगी की तरह तुरंत सिर्फ 2 मिनट में तैयार होना चाहिए। पर मेरे दोस्त जीवन सिर्फ 2 मिनट में मैगी की तरह तैयार नहीं होता। यह दाल भुखरा की तरह है जो कि पूरी रात धीमी आंच पर पकाई जाती है और फिर सुबह होते ही इसका स्वाद हर किसी को मोहित कर देता है!
अगर माली बीस गमलों से भी ज्यादा पौधों को पानी देने लगे तो भले ही वह अधिक पानी डाले फिर भी फल ऋतु में ही सही समय पर आते हैं। किसी ने एक छोटा सा पौधा लगाया पानी डाला और उत्सुकता से घूरने लगा लेकिन फल अब ही देगा अब ही आएगा ऐसा कभी नहीं होता। याद रखें प्रकृति कभी भी जल्दबाजी में काम नहीं करती!
जल्दी का असली मतलब: सफलता के लिए धीरज और समय का महत्व
अगर किसी बच्चे को जन्म लेने में 9 महीने लगते हैं तो उसे नौ महीने लगेंगे कोई भी तकनीक 5 महीने में ऐसा नहीं कर सकती। इस दुनिया में कोई भी माता-पिता अपने बच्चे का समय से पहले जन्म नहीं चाहते। वे चाहते हैं कि डिलीवरी में पूरा समय लग जाए। डिलीवरी सही समय पर हो और बच्चा बिल्कुल स्वस्थ हो! कोई भी माता-पिता अधीर नहीं होना चाहेगा। तो फिर असल जिंदगी में इतनी अधीरता क्यों हर कोई कुछ जल्दी करना चाहता है और जब सफलता नहीं मिलती तो वे निराश हो जाते हैं।
धैर्य का महत्व: गलतियों से सीखें और समय के साथ सफलता प्राप्त करें
यह ब्लॉग बहुत रोचक होने वाला है तो कृपया अंत तक बने रहें। आज हम बताएंगे कि लोग आमतौर पर कौनसी गलती करते हैं! कुछ लोग उस लड़के की तरह होते हैं जो कुआं खोद रहा होता है, 20 मिनट बाद जब पानी नहीं आता तो उनका धैर्य टूट जाता है, वे सोचते हैं कि शायद मैं गलत जगह खोद रहा हूँ। वे फिर दूसरी जगह खोदने लगते हैं। दूसरी जगह 30 फीट खोदने के बाद उन्हें लगता है कि यहाँ पानी नहीं है। और फिर वे तीसरी जगह पर 30 फीट तक खोदने लगते हैं और जब वहाँ भी पानी नहीं आता तो वे चैथी जगह पर खोदने लगते हैं।
उसे नहीं पता कि एक जगह 70 फीट खोद देता तो पानी आ जाता। हर कोई जल्दी से सफलता पाना चाहता है और अगर इसमें समय लग रहा है तो कुछ गड़बड़ है। और समस्या यहीं खत्म नहीं होती। समस्या तब बड़ी लगने लगती है जब पड़ोस में कोई खुदाई कर रहा हो और उसे पानी मिल जाए। तब आप अधीर हो जाते हैं और तुलना करने लगते हैं कि मुझे कुछ नहीं मिला और उसे सब कुछ मिल रहा है।
सब्र: सफलता की असली कुंजी
याद रखें कि सब्र एक ऐसी सवारी है जो अपने सवार को कभी गिरने नहीं देती न किसी के पैरों में न किसी की नजरों में इस दुनिया में असाधारण लोग भी हुए हैं सच कहें तो उनमें से कुछ बेहद पागल होते हैं! ऐसा नहीं लगता कि वे इसी दुनिया के थे जहां हर कोई मैगी स्टाइल में तुरंत सफलता चाहता है वहीं ऐसे शख्स के बारे में बात करना बेहद जरूरी है जिसे हर बार असफलता मिली लेकिन उसने कभी हार नहीं मानी! उस व्यक्ति को एकाध बार नहीं बल्कि 1009 बार असफलता मिली।
प्रकृति: मेहनत और धैर्य का उपहार
प्रकृति आपकी मेहनत को बर्बाद नहीं करती, आप अपने प्रयासों को भूल सकते हैं लेकिन प्रकृति कभी नहीं भूलती। आपने आम खाया और आम की गुठली फेंक दी आपने गुठली फेंक दी और भूल गए लेकिन प्रकृति ऐसा नहीं करती। जिस स्थान पर उन्होंने गिरी फेंकी प्रकृति ने वहीं अपना कार्य प्रारंभ कर दिया। कुछ दिनों के बाद मिट्टी में गिरी गुठलियों में अंकुर आ गए। वह वृक्ष बनेगा फल देगा। हमेशा याद रखें कि प्रकृति अपना काम तब करती है जब आप वहां देखते भी नहीं हैं। ऐसा नहीं है कि हमें जीवन में तुरंत सफलता मिल जाती है। सफलता पाने के लिए मेहनत के साथ धैर्य रखना बहुत जरूरी है।
प्रकृति का नैसर्गिक नियम सदैव कार्य करता है। याद रखें कि जब प्रकृति आपको सबकुछ देना चाहती है तो आपकी परीक्षा भी उसी के अनुरूप होगी। हर स्तर पर आपकी परीक्षा होती है. आप इसे प्रकृति का पथ कह सकते हैं। यह परीक्षण किया जाता है कि यह दीपक कितनी देर तक जलेगा। तेज हवाएँ चल रही हैं! हर व्यक्ति को अपने जीवन की कहानी को खुद ही रचना चाहिए। यह बात हमें यह याद दिलाती है कि हमारा जीवन हमारे हाथों में है और हमें अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए स्वयं को संवारना होगा।
चुनौतियों का स्वागत: समस्याओं से सीखें और उन्हें पार करें
हर समस्या आपकी परीक्षा लेने आती है हर समस्या या चुनौती एक अवसर है जिसमें हमें अपनी क्षमताओं का परीक्षण करने का मौका मिलता है। ये समस्याएं हमें मजबूत बनाने का अवसर प्रदान करती हैं। चाहे हालात कितने भी कठिन क्यों न हों हमें हमेशा आशा और उत्साह बनाए रखना चाहिए। इससे हम अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे।
आप बस धैर्य रखें। कड़ी मेहनत करो। मेहनत एक ऐसी चाबी है जो हर ताले को खोल देती है। हमें हमेशा अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए मेहनत करनी चाहिए और अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए संघर्ष करने की आवश्यकता होती है। इससे हमें सफलता की दिशा में आगे बढ़ने में मदद मिलती है।
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